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हिन्दी व्याकरण भाग १ (HINDI GRAMMAR PART 1)
लिपि ( Script )
लिपि -शब्द का अर्थ है -‘लीपना ‘या ‘पोतना ‘ विचारो का लीपना अथवा लिखना ही लिपि कहलाता है।
हिंदी और संस्कृत भाषा की लिपि देवनागरी है। अंग्रेजी भाषा की लिपि रोमन पंजाबी भाषा की लिपि गुरुमुखी और उर्दू भाषा की लिपि फारसी है।
लिपि या लेखन प्रणाली का अर्थ होता है किसी भी भाषा की लिखावट या लिखने का ढंग। लिपि और भाषा दो अलग अलग चीज़ें होती हैं। भाषा वो चीज़ होती है जो बोली जाती है, लिखने को तो उसे किसी भी लिपि में लिख सकते हैं। किसी एक भाषा को उसकी सामान्य लिपि से दूसरी लिपि में लिखना, इस तरह कि वास्तविक अनुवाद न हुआ हो, इसे लिप्यन्तरण कहते हैं।
यद्यपि संसार भर में प्रयोग हो रही भाषाओं की संख्या अब भी हजारों में है, तथापि इस समय इन भाषाओं को लिखने के लिये केवल लगभग दो दर्जन लिपियों का ही प्रयोग हो रहा है। और भी गहराई में जाने पर पता चलता है कि संसार में केवल तीन प्रकार की ही मूल लिपियाँ (या लिपि परिवार) है-
चित्रलिपि (ideographic scripts) – चीन, जापान एवं कोरिया में प्रयुक्त लिपियाँ,
ब्राह्मी से व्युत्पन्न लिपियाँ – देवनागरी तथा दक्षिण एशिया एवं दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रयुक्त लिपियाँ ; तथा
फोनेशियन (Phonecian) से व्युत्पन्न लिपियाँ – सम्प्रति यूरोप, मध्य एशिया एवं उत्तरी अफ्रीका में प्रयुक्त लिपियाँ
ये तीनो लिपियाँ तीन अलग-अलग क्षेत्रों में विकसित हुईं जो पर्वतों एवं मरुस्थलों द्वारा एक-दूसरे से अलग-अलग स्थित हैं।
अल्फाबेटिक (Alphabetic) लिपियाँ
इसमें स्वर अपने पूरे अक्षर का रूप लिये व्यंजन के बाद आते हैं।
· लैटिन लिपि (रोमन लिपि) — अंग्रेज़ी, फ्रांसिसी, जर्मन, कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग और पश्चिमी और मध्य यूरोप की सारी भाषाएँ
· यूनानी लिपि — यूनानी भाषा, कुछ गणितीय चिन्ह
· अरबी लिपि — अरबी, उर्दू, फ़ारसी, कश्मीरी
· इब्रानी लिपि — इब्रानी
· सीरिलिक लिपि — रूसी, सवियत संघ की ज़्यादातर भाषाएँ
अल्फासिलैबिक (Alphasyllabic) लिपियाँ
इसकी हरेक इकाई में अगर एक या अधिक व्यंजन होता है और उसपर स्वर की मात्रा का चिह्न लगाया जाता है। अगर इकाई में व्यंजन नहीं होता तो स्वर का पूरा चिह्न लिखा जाता है।
· देवनागरी लिपि — हिन्दी, उर्दू(नस्तालीक लिपि भी),संस्कृत, मराठी, नेपाली
· ब्राह्मी लिपि — प्राचीन काल में संस्कृत और पाली
· गुरुमुखी लिपि — पंजाबी
· तमिल लिपि — तमिल
· गुजराती लिपि — गुजराती
· बंगाली लिपि — बांगला
· भारत की अन्य लिपियाँ
· कानो लिपि — जापानी
चित्र लिपियाँ
ये सरलीकृत चित्र होते हैं।
· प्राचीन मिस्री लिपि — प्राचीन मिस्री
· चीनी लिपि — चीनी (मंदारिन, कैण्टोनी)
· कांजी लिपि — जापानी
देवनागरी से अन्य लिपियों में रूपान्तरण
· आईट्रान्स निरूपण, देवनागरी को लैटिन (रोमन) में परिवर्तित करने का आधुनिकतम और अक्षत (lossless) तरीका है।
· आजकल अनेक कम्प्यूटर प्रोग्राम उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से देवनागरी में लिखे पाठ को किसी भी भारतीय लिपि में बदला जा सकता है।
· कुछ ऐसे भी कम्प्यूटर प्रोग्राम हैं जिनकी सहायता से देवनागरी में लिखे पाठ को लैटिन, अरबी, चीनी, क्रिलिक, आईपीए (IPA) आदि में बदला जा सकता है।
· यूनिकोड के पदार्पण के बाद देवनागरी का रोमनीकरण (romanization) अब अनावश्यक होता जा रहा है। क्योंकि धीरे-धीरे कम्प्यूटर पर देवनागरी को (और अन्य लिपियों को भी) पूर्ण समर्थन मिलने लगा है।
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