हिन्दी व्याकरण भाग १ (HINDI GRAMMAR PART 1)

व्याकरण (Grammar)

व्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा हमे किसी भाषा का शुद्ध बोलना, लिखना एवं समझना आता है।

व्याकरण के प्रकार

(1) वर्ण या अक्षर (2) शब्द (3)वाक्य

(1) वर्ण या अक्षर :- भाषा की उस छोटी ध्वनि (इकाई )को वर्ण कहते है जिसके टुकड़े नही किये सकते है।

जैसे – अ, ब, म, क, ल, प आदि।

(2) शब्द :- वर्णो के उस मेल को शब्द कहते है जिसका कुछ अर्थ होता है।

जैसे – कमल, राकेश, भोजन, पानी, कानपूर आदि।

(3) वाक्य :- अनेक शब्दों को मिलाकर वाक्य बनता है। ये शब्द मिलकर किसी अर्थ का ज्ञान कराते है।

जैसे – सब घूमने जाते है। राजू सिनेमा देखता है

हिन्दी व्याकरण की विशेषताएँ

हिन्दी-व्याकरण संस्कृत व्याकरण पर आधृत होते हुए भी अपनी कुछ स्वतंत्र विशेषताएँ रखता है। हिन्दी को संस्कृत का उत्तराधिकार मिला है। इसमें संस्कृत व्याकरण की देन भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है। पं० किशोरीदास वाजपेयी ने लिखा है कि ”हिन्दी ने अपना व्याकरण प्रायः संस्कृत व्याकरण के आधार पर ही बनाया है- क्रियाप्रवाह एकान्त संस्कृत व्याकरण के आधार पर है, पर कहीं-कहीं मार्गभेद भी है। मार्गभेद वहीं हुआ है, जहाँ हिन्दी ने संस्कृत की अपेक्षा सरलतर मार्ग ग्रहण किया है।”

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