ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

ॐ नमः शिवाय

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे  सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्  मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

ॐ तत्पुरुषाय विदमहे,  महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्

पशूनां पतिं पापनाशं परेशं  गजेन्द्रस्य कृत्तिं वसानं वरेण्यम। जटाजूटमध्ये स्फुरद्गाङ्गवारिं महादेवमेकं स्मरामि स्मरारिम।।

बारह ज्योतिर्लिंग (प्रकाश के लिंग) जो पूजा के लिए भगवान शिव के पवित्र धार्मिक स्थल और केन्द्र हैं। वे स्वयम्भू के रूप में जाने जाते हैं, जिसका अर्थ है "स्वयं उत्पन्न"। बारह स्‍थानों पर बारह ज्‍योर्तिलिंग स्‍थापित हैं।

1.  सोमनाथ यह शिवलिंग गुजरात के काठियावाड़ में स्थापित है। 2.  श्री शैल मल्लिकार्जुन मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे पर्वत पर स्थापित है श्री शैल मल्लिकार्जुन शिवलिंग।

3.  महाकाल उज्जैन के अवंति नगर में स्थापित महाकालेश्वर शिवलिंग, जहाँ शिवजी ने दैत्यों का नाश किया था। 4.  ॐकारेश्वर मध्यप्रदेश के धार्मिक स्थल ओंकारेश्वर में नर्मदा तट पर पर्वतराज विंध्य की कठोर तपस्या से खुश होकर वरदाने देने हुए यहां प्रकट हुए थे शिवजी। जहां ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित हो गया।

5.  नागेश्वर गुजरात के द्वारकाधाम के निकट स्थापित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग। 6.  बैजनाथ झारखंड के बैद्यनाथ धाम में स्थापित शिवलिंग।

7.  भीमाशंकर महाराष्ट्र की भीमा नदी के किनारे स्थापित भीमशंकर ज्योतिर्लिंग। 8.  त्र्यंम्बकेश्वर नासिक (महाराष्ट्र) से 25 किलोमीटर दूर त्र्यंम्बकेश्वर में स्थापित ज्योतिर्लिंग।

9.  घृष्णेश्वर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफा के समीप वेसल गाँव में स्थापित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग। 10.  केदारनाथ हिमालय का दुर्गम केदारनाथ ज्योतिर्लिंग। हरिद्वार से 150 पर मिल दूरी पर स्थित है।

11.  काशी विश्वनाथ बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग। 12.  रामेश्वरम्‌ त्रिचनापल्ली (मद्रास) समुद्र तट पर भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग।